Tuesday 14 April 2020

✍✍✍...My words My writing...✍✍✍

" कविताओं को लिखने का हमें इतना शौक नहीं,
     
           पर ऐसे ही दिल मानता नहीं। 

           दिल को समझा नहीं सकता,

   और दिल की बातो को छुपा नहीं सकता। "

                                       - सुरेश पुरी 

No comments:

Post a Comment

"कसला हा अहंकार"

कसला गर्व चढलाय माणसांना - पैसा अन् संपत्तीचा  दोन क्षणाच्या गर्वापोटी माणुस - विसरत चाललाय रक्ताच्या नात्यांना.  नेमका कसला गंज चढलाय - अहं...